एनएसयूआई संगठन के पदाधिकारियों ने माँग की है परीक्षा परिणामों की दोबारा मूल्यांकन करने की मांग की। साथ ही एटीकेटी के लगने वाले शुल्क को भी माफ़ करने की माँग की। भाजपा सरकार में शिक्षा व्यवस्था का लचर उदाहरण इससे बुरा क्या हो सकता है कि लगभग 92 प्रतिशत बच्चे फेल हो गये है।सरकार को प्रदेश के शिक्षा मॉडल में मूलभूत सुधार की आवश्यकता है, रिक्त शिक्षाओं के पदो को भरने की आवश्यकता है। एनएसयूआई ने कार्रवाई नहीं होने पर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
इस दौरान ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कमल पांडे, सूर्यकान्त कुशवाहा, अभिषेक पयासी, प्रिंस वंशकार, दलराहुल यादव, प्रज्जवल साहू,सौरभ पांडे, अनुराग पटेल, सत्यम दवेदी, प्रवीण सिंह, अभय पांडे, हेमा चौधरी, हिमांशु दहिया, सागर वर्मन, अंकित रजक, तेजस्वी गुप्ता, अनीश रैकवार, सागर उइके, अंजलि विश्कर्मा, अमित पटेल, अभिषेक शर्मा, कान्हा वर्मन, कार्तिक सिंह, फ़िरोज़ ख़ान, अनंत तिवारी, अनूप सिंह, लकी दूबे, निखिल त्रिपाठी, पुष्पेंद्र दूबे, रोहित चक्रवर्ती सहित काफी संख्या में छात्र-छात्राओं की मौजूदगी रही।
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