जांच के दौरान पुलिस टीम ने मोबाइल टॉवर लोकेशन और 50 सीसीटीवी फुटेेज को खंगाला। साथ ही लापता हुए ठेकेदार के भतीजे ने पुलिस को यह भी बताया कि चाचा के साथ पहले कार्य करने वाले किशन तिवारी और उसका चचेरा भाई विवेक उर्फ राज तिवारी चाचा को कार में बैठाकर कहीं ले गए हैं, भतीजे ने संदेह जताया कि दोनों ने उसके चाचा के साथ कोई घटना की कर दी है।
जिस पर पुलिस ने संदेह के आधार पर बरही निवासी किशन तिवारी और विवेक तिवारी से पूछताछ की। दोनों युवकों ने पुलिस को बताया कि शिवरतन ठाकरे को बैंक के बाहर से कार में बैठाकर अपने साथ लेकर जा रहे थे। इसी दौरान शिवरतन ठाकरे से अपने रुपयों की मांग की। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कार के अंदर ही विवाद होने लगा। तभी किशन तिवारी के इशारे पर कार की पीछे की सीट में बैठा उसके चचेरे भाई विवेक तिवारी ने गला पकड़ लिया और चाकू से गले में हमला कर दिया।
जिसके कारण शिवरतन ठाकरे गंभीर रुप से घायल हो गया। इसके बाद सुर्खी टैंक की ओर ले जाकर शिवरतन के सिर पर पत्थर पटक दिया। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। हत्या के बाद उसकी लाश को बरही थाना क्षेत्र के गुरुकुल स्कूल के पास स्थित खेत मंें जाकर गड्ढा खोदकर गड़ा दिया। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर खेत से शिवरजन ठाकरे की लाश को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा कार्रवाई के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने दोनों आरोपियों किशन तिवारी और उसके चचेरे भाई विवेक तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपियों से कार को भी जब्त कर लिया गया है। लापता हुए ठेकेदार की हत्या की गुत्थी सुलझाने और आरोपियों की गिरफ्तारी में एनकेजे थाना प्रभारी एसआई नीरज दुबे, एएसआई सहपाल परतेती, केवल उईके, विनोद पांडेय, प्रधान आरक्षक प्रहलाद सैयाम, राजेश परिहार, आरिफ हुसैन, शैलेष दमोहिया, प्रमोद ठाकुर, आरक्षक अर्पित पटैल, सुजीत रजक की भूमिका रही। पूरी कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया और नगर पुलिस अधीक्षक ख्याति मिश्रा के मार्गदर्शन में की गई।
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